'हिंदी गीता काव्य' श्रीमद्भगवद्गीता का सरलतम काव्य रूपांतरण है, जो हिंदी की न्यूनतम जानकरी रखने वाले पाठक को भी आसानी से समझ आएगा। इसका उद्देश्य गीता को सरल भाषा और रोचक काव्य के
श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति में एक ऊँचा स्थान रखती है। कुरुक्षेत्र के मैदान में कृष्ण और अर्जुन के बीच का यह संवाद भारतीय दर्शन की मानो एक सम्पूर्ण अभिव्यक्ति है। जीवन म
यशपाल जी की रचनाओं से गुज़रते हुए ऐसा प्रतीत होता है जैसे जीवन के सूक्ष्म निरीक्षण की अनबुझ अनुभूतियाँ जीवंत होकर रचनाओं में उभर रही हैं। उनकी रचनाएँ जीवन को समग्रता के साथ देखन
'आंखिन देखी' हिंदी काव्य जगत के यशस्वी हस्ताक्षर यशपाल सिंह यशजी का नव्यतम काव्य संग्रह है। इस संग्रह की कुछ कविताओं को पढ़ने के बाद मैं तो इसी निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यशपाल
'हिंदी गीता काव्य' श्रीमद्भगवद्गीता का सरलतम काव्य रूपांतरण है, जो हिंदी की न्यूनतम जानकरी रखने वाले पाठक को भी आसानी से समझ आएगा। इसका उद्देश्य गीता को सरल भाषा और रोचक काव्य के
घर वापसी (कोरोना के साए में) जानता है वो, कोरोना दर खड़ा हैभूख का डर, पर कोरोना से बड़ा है कोरोना तो, कल की एक संभावना ह Read More...
सदियों से अपना नाता है, सन्यासी, संत फकीरों से भाषा, कपड़े, आराध्य कौन, हम मुक्त सभी जंजीरों से स्वयं के भीतर बदलावों Read More...
जिंदगी ! तू इस रफ्तार से भी चल सकती है तू बिना रेल, बिना जहाज, बिना मोटर कार के भी चल सकती है तू बिना किसी एड़ के चल स Read More...
Dear orbiter, please, stay in your track. It has been decided that I will be back. I am already conceived here on earth. And if all goes well, I will have rebirth. By the end of the year, I plan to leave, To make up for the loss, I still grieve. Except of you everything will be Read More...