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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalDr. Vaibhav Gorde is a practicing urologist working at a renowned hospital in Dubai. While most of his day is spent in the operation theatre, saving lives and handling critical cases, his heart finds its true rhythm in reading, learning, and teaching—especially when it comes to simplifying complex ideas. From the magical world of Harry Potter to the mysteries of Sherlock Holmes, from the thrilling pages of Lee Child to the earthy tales of Shankar Patil, and finally to the epic grandeur of Greek mythology—his reading interests are as wide as they are deep. His wife is a skilled plastic surgRead More...
Dr. Vaibhav Gorde is a practicing urologist working at a renowned hospital in Dubai. While most of his day is spent in the operation theatre, saving lives and handling critical cases, his heart finds its true rhythm in reading, learning, and teaching—especially when it comes to simplifying complex ideas.
From the magical world of Harry Potter to the mysteries of Sherlock Holmes, from the thrilling pages of Lee Child to the earthy tales of Shankar Patil, and finally to the epic grandeur of Greek mythology—his reading interests are as wide as they are deep. His wife is a skilled plastic surgeon, and their 12-year-old daughter is a national-level gymnast.
This book is a creative leap from the operating room to the world of myth and imagination. Born from his love for storytelling and the joy of teaching his daughter in fun, relatable ways, the book aims to bring the timeless tales of Greek mythology to young readers in their own language. With vibrant visuals and layered lessons, it combines education and entertainment—a passion project that hopes to open up doors to learning through the colourful world of ancient gods, heroes, and legends.
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पहली किताब में हमने तीन मजेदार कहानियों के ज़रिए यह देखा कि, कैसे ग्रीक पुराणकथाएँ हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को चुपचाप आकार देती है। अब इस दूसरे किताब में हम इन अद्भुत, रोमांच
पहली किताब में हमने तीन मजेदार कहानियों के ज़रिए यह देखा कि, कैसे ग्रीक पुराणकथाएँ हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को चुपचाप आकार देती है। अब इस दूसरे किताब में हम इन अद्भुत, रोमांचक और बुद्धिमत्ता से भरपूर प्राचीन कहानियों के दिल में उतरते हैं, जहाँ चमत्कार, संघर्ष और सीख एक साथ मिलते है।
देवताओं के राजा झ्यूस के मस्तिष्क से बिजली की तरह जन्म लेने वाली योद्धा देवी अथीना, एक चंचल, बातूनी वन-अप्सरा, एको, जिसकी निरंतर बकबक एक श्राप के कारण सिर्फ जंगल की गूंज बनकर रह गईं और इकॅरस—एक साहसी युवा, जिसने उड़ने का साहस किया, लेकिन उसने अपने पिता की चेतावनी को नज़रअंदाज़ किया और…
कॉमिक शैली में बनाए गए जीवंत चित्र और उम्र के अनुसार सरल, रोचक भाषा - ये सब इन पुराण कथाओं को नई पीढ़ी के लिए सजीव कर देते हैं। अतिरिक्त रूप से, हर कहानी के अंत में यह भी बताया गया है कि ये प्राचीन कथाएँ आज के विज्ञान, भाषा और संस्कृति को कैसे प्रभावित करती हैं – और वह भी बिलकुल आसान शब्दों में।
पढ़िए, सोचिए, सिखाइए और चर्चा कीजिए – और ग्रीक पौराणिक कथाओं की इस अद्भुत दुनिया में खो जाइए!
पहिल्या पुस्तकात आपण तीन मजेदार कथांमधून ग्रीक पुराणकथांचा आपल्या दैनंदिन आयुष्यावर होणारा प्रभाव उलगडला. आता या दुसऱ्या भागात आपण या अद्भुत, रोमांचक पुरातन कथांच्या गाभ्या
पहिल्या पुस्तकात आपण तीन मजेदार कथांमधून ग्रीक पुराणकथांचा आपल्या दैनंदिन आयुष्यावर होणारा प्रभाव उलगडला. आता या दुसऱ्या भागात आपण या अद्भुत, रोमांचक पुरातन कथांच्या गाभ्यात शिरतो—जिथे चमत्कार, संघर्ष आणि शहाणपण यांचा सुंदर संगम आहे.
झ्यूसच्या डोक्यातून, एखाद्या वज्रप्रकाशासारखी, संपूर्ण शस्त्रसज्ज योद्धा म्हणून जन्मलेली देवी अथीना, एक बोलकी, हसरी जंगलातील अप्सरा, एको, जिची अखंड बडबड एका शापामुळे रानातील प्रतिध्वनी होत विरून गेली आणि इकॅरस, एक तरुण मुलगा ज्याने आकाशात उडायची हिंमत दाखवली, पण वडिलांच्या सूचनांकडे दुर्लक्ष केले आणि…..
सजीव कॉमिक-शैलीतील चित्रे आणि वयोगटाला साजेशी रंजक मांडणी ह्या पुराणकथांना, सोप्या भाषेत नव्या पिढीसमोर जिवंत करते. शेवटी खास भर देत या प्राचीन गोष्टी आजच्या विज्ञान, भाषा आणि संस्कृतीवर कसा प्रभाव टाकतात, याचे सोपे विवेचन केले आहे.
वाचा, शिकवा, चर्चा करा – आणि ग्रीक पुराणांच्या अफाट विश्वात रंगून जा!
डॉ वैभव गोरडे, दुबई में मूत्ररोग विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं। उनके दोस्त और परिवार जब उनके बातूनी स्वभाव से तंग आ गए, तब उन्होंने डॉक्टर को एक किताब लिखने का विचार सुझाया। य
डॉ वैभव गोरडे, दुबई में मूत्ररोग विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं। उनके दोस्त और परिवार जब उनके बातूनी स्वभाव से तंग आ गए, तब उन्होंने डॉक्टर को एक किताब लिखने का विचार सुझाया। यह ग्रीक पौराणिक कथाओं पर आधारित पहली पुस्तक उसीका फलस्वरूप है ।
डॉक्टर इस किताब के बारे में कहते हैं,
"ग्रीक कहानियों का दैनिक जीवन पर इतना प्रभाव पड़ता है कि अगर बचपन में कोई मुझे ये कहानियाँ सुनाता तो मेरी पढ़ाई आसान हो जाती। क्रिकेट में गुजरात टाइटन्स से लेकर से ऍमेझॉनपे मंगाए गए नाइकी के जूतों तक, हीलियम गैस से लेकर ग्रहों के नामों तक, हर जगह ग्रीक पौराणिक कथाओं का संदर्भ मिलता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये पुस्तकें ज्ञान के द्वार खोलने और शिक्षा को मनोरंजक बनाने में सहायक होंगी।”
डॉ. वैभव गोरडे, दुबई मधे मूत्रशल्यविशारद म्हणून काम करतात. जेव्हा मित्रपरिवार आणि कुटुंब, त्यांच्या बडबड्या स्वभावाला कंटाळले, त्यांनी डॉक्टरांना पुस्तक लिहायची कल्पना दिली
डॉ. वैभव गोरडे, दुबई मधे मूत्रशल्यविशारद म्हणून काम करतात. जेव्हा मित्रपरिवार आणि कुटुंब, त्यांच्या बडबड्या स्वभावाला कंटाळले, त्यांनी डॉक्टरांना पुस्तक लिहायची कल्पना दिली. त्यातून तयार झालेले हे ग्रीक पुरणातल्या कथांवर आधारित पहिले पुस्तक.
डॉक्टर ह्या पुस्तकाबद्दल म्हणतात,
“ग्रीक कथांचा रोजच्या आयुष्यावर इतका प्रभाव आहे की, मला जर लहानपणी ह्या कथा कोणी सांगितल्या असत्या तर माझा अभ्यास सुखकर झाला असता. क्रिकेटमधल्या गुजरात टायटन्स पासून ऍमेझॉन वरून मागवलेल्या नाईकी शूज पर्यंत, हेलियम वायू पासून ग्रहताऱ्यांच्या नावापर्यंत सगळीकडे ग्रीक पुराणाचा संदर्भ आहे. ही पुस्तके ज्ञानाची कवाडे उघडून शिक्षण मनोरंजक करायला मदत करतील असा माझा ठाम विश्वास आहे.”
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