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Anuda / अनुदा काव्य संकलन/ Kaavy Sankalan

Author Name: Jyoti Mitra | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ज्योति मित्रा का पहला कविता संग्रह "अनुदा" के साथ जीवन में हृदय और आत्मा का सार जाने। प्रेम, अलगाव, समाज, प्रकृति और मानवीय भावनाओं की जटिल कढ़ाई के माध्यम से इस विचारोत्तेजक यात्रा में, कवि स्पष्टता और अनुग्रह के साथ कच्ची सच्चाइयों और क्षणिक पलों को उजागर करता है। प्रत्येक कविता परिचित और अज्ञात दोनों तरह की दुनिया में एक खिड़की के रूप में कार्य करती है, जो पाठकों को रुकने, प्रतिबिंबित करने और उसे सुंदरता से जुड़ने के लिए आमंत्रित करती है जिस पर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। एक अनूठी आवाज के साथ जो ज्वलंत कल्पना और मार्मिक वाक्यांशों के माध्यम से गूंजती है, ज्योति मित्रा मानवीय अनुभव का सार पकड़ती है, जो आपको एक काव्यात्मक अन्वेषण में खींचती है जो अंतिम पृष्ठ के बाद भी लंबे समय तक बनी रहती है। जैसे ही आप प्रत्येक पृष्ठ को पलटते हैं और शब्दों की गहन शक्ति का पता लगाते हैं, अपने दिल की फुसफुसाहट को गले लगा लेते हैं।

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ज्योति मित्रा

ज्योति मित्रा 

एम. ए. (मनोविज्ञान) 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय

हिंदी साहित्य मूर्घन्य सृजक हज़ारी प्रसाद द्विवेदी और सूर्या कांत त्रिपाठी निराला की समृद्ध साहित्य कर्म भूमि के परिक्षेत्र अवध (उत्तर प्रदेश ) के फतेहपुर में जन्मीं ज्योति मित्रा की काव्य रचना "अनुदा" विविध सम-सामयिक, सामाजिक और भावात्मक विषयों को रेखांकित करती है और साथ ही साहित्य सागर का हिस्सा बनने की चाह रखती है विविध भावों एवं रसों से युक्त यह रचना सभी तरह के काव्य प्रेमियों को पसंद आएगी

                 "अनुदा" काव्य संकलन इनकी प्रथम पुस्तक है

कभी जो मन हो,

खुद से खुद को लिखे

बिखरे हुए हैं जो खुद से,

फुर्सत से बैठ यहां

खुद से खुद को समेटे,

कलम लिखेगी कुछ तो कहीं

मन के वेग को काग़ज़ भी समझेगा यहीं,

आखिर,क्या है माज़रा ?

खुद से गुफ़्तगू कर,

शाम -ए- तन्हाई तो कांटे "

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