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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसम्मुख सब सीमित यहाँ , देख सके न कोय
असीम को ढूँढत फिरू , जो भीतर ही होय।
इस पुस्तक में मैंने कई बाते ऐसी कहीं हैं जो मेरी पीढ़ी के लोग ज्यादा बेहतर तरीके से समझेंगे। मैं विषयों में ज्यादा अंदर नहीं गया हूँ क्योंकि मैंने कोशिश की हैं आसान भाषा में अपनी बात आप लोगो तक पंहुचा सकू। हर पूर्णविराम जहाँ खत्म होता हैं वहां से अगर आप खुद विचार करेंगे तो उस पूर्णविराम लगाने का लक्ष्य पूरा हो जायेगा क्योंकि मात्र वो कुछ पंक्ति का विराम तो होगा परन्तु वहां से आपकी सोच की शुरुआत होगी। मेरी ऐसी कोई अपेक्षा नहीं हैं की इन कुछ पन्नो को पढ़ने के बाद किसी का विचार करने का तरीका बदल जायेगा परन्तु बस इतना चाहता हूँ की आप अपने से प्रश्न करना सीख जाए। एक बार विचार जरूर करें की ख़ुशी और आनंद में क्या भेद हैं। मेरी इस रचना को पढ़ने के बाद अगर कोई तनिक सा भी प्रभावित हो जाए और अपने से विचार करने लगे तो मेरा इतना सोच कर लिखना सफल हो जायेगा। मैं लिखने को तो एक पुस्तक को ही हजारो पन्नो की बना दू परन्तु उसमे उतनी गहराई और उसको पढ़ने का उत्साह धीरे धीरे समाप्त हो जायेगा। मेरा मानना तो इतना हैं की किताब की मोटाई नहीं गहराई महत्वपूर्ण हैं ठीक वैसे ही जैसे मेरे लिए आप नहीं आपकी की सोच महत्वपूर्ण हैं। और अंत में तो यही कहूंगा पुस्तक को ऐसे ही पढ़ें जैसे आपने ही लिखी हो। मुझमे आपमें कोई अंतर नहीं होना चाहिए क्योंकि लिखा हुआ एक एक शब्द आपका हैं , मैं तो बस माध्यम हूँ आपकी बात आप तक पहुंचाने के लिए।
धन्यवाद
~ देव शर्मा
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मेरा अपना परिचय देने में थोड़ा असमंजस सा महसूस करता हूं क्योंकि मेरे पास अन्य लेखकों की तरह कुछ सतही रूप में प्राप्त नहीं किया हैं
परन्तु ऐसी श्रेणी में मात्र इतना हैं की दसवीं कक्षा में ९९ अंक के साथ अपना विद्यालय (दुर्गावती हेमराज ताह सरस्वती विद्या मंदिर नेहरू नगर, ग़ाज़ियाबाद)हिंदी में टॉप किया था और और परन्तु मुझसे कक्षा १२ में हिंदी विषय पढ़ने का मौका छूट गया और मैं विज्ञान के विषयों तक ही सीमित रह गया। अगर सभी विषयों को देखें तो न ही मेरे पास हिंदी के शब्द हैं पर इतने जरूर हैं की अपनी बात कहने का प्रयास कर सकूँ ।
--देव शर्मा (गोविंद)
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