You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह किताब न जाने कितने ही आत्मीय पाठकों के हृदय में स्थायी जगह बना चुकी है। लेखक को वह प्रेम और प्रकाश की अपनी निराली दुनिया मिल ही गई, जो वह रचना चाहता था। समाधान पाए प्रेमीजन अब इस पुस्तक को घर-घर पहुँचाने में जुटे हैं। सुंदर भावनाओं से देखें तो संसार वास्तव में सुंदर दिखता है। यह किताब हमें सिखाती है कि कैसे दुश्वारियों में भी जीवन और परिवार को महान आदर्शों से सजा सकते हैं। निराशा के बीच भी छोटे-छोटे प्रयासों से समाज, देश और दुनिया को सँवार सकते हैं। कुछ न कर पाने की स्थिति में भी, करुण होकर मुदित मन से प्रार्थना अवश्य करें। ऐसी योजना इस किताब में है। सुख में और दुःख में, आप इसे बार-बार पलटकर पढ़ना चाहेंगे।
It looks like you’ve already submitted a review for this book.
Delete your review
Your review will be permanently removed from this book.Delete your review
Your review will be permanently removed from this book.Write your review for this book (optional)
Review Deleted
Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.अव्यक्त
स्वनामधन्य संस्थानों से उच्च शिक्षा, लेकिन मूलतः स्वशिक्षित। उच्चस्तरीय शिक्षण, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन का सुदीर्घ अनुभव। पिछले दो दशकों से अधिक समय से गहन स्वाध्याय के साथ-साथ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी और अंग्रेजी में प्रबोधनकारी लेखन। लंबे समय से हिमालयी गाँवों में सपरिवार एकांतिक साधना में लीन। एक गुणी एवं ज्ञानी संतान का मित्रवत् पिता। एक निर्मल-हृदयी और करुणामयी सहचरी के सुख-दुःख का साथी। एक पारिवारिक इंसान जिसका आत्मभाव संपूर्ण जीव-जगत तक पहुँचता है। समाज और गृहस्थी में सत्य-प्रेम-करुणा, सेवा और भक्ति को मुस्कुराते हुए जीने के आनंदकारी प्रयोगों में मगन। आप अपने हृदय की भावनाएँ booksbyavyakta@gmail.com पर इन्हें लिख सकते हैं।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.