भारतीय संस्कृति हर दृष्टिकोण से बहुत ही व्यापक है। इसमें पूजा- पाठ, मंत्र-हवन, वर्ष भर में मनाये जाने वाले सभी त्योहार, आदि जो भी हैं सभी विज्ञान पर आधारित हैं फिर भी बहुत कुछ हैं जिससे हमारी युवा पीढ़ी आज भी अनभिज्ञ है। अत:हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृति से, उसकी वैज्ञानिकता से युवा पीढ़ी को परिचित करायें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस पुस्तक को लिखने का विचार किया और इस पुस्तक का सृजन किया झे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक मेरे उद्देश्य की सम्पूर्ति में सहायक होगी। इसी आशा के साथ आपके करकमलों में समर्पित है मेरी पुस्तक- “भारतीय संस्कृति के उन्नायक उपादान”।
आपकी प्रतिक्रिया व सुझाव मेरे लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।