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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकभी खुली खिड़कियों से आती ताज़ा हवा,
कभी बंद दरवाज़ों के पीछे दबी पुकार।
कभी आसमान में उड़ती चिड़िया की आज़ादी,
तो कभी जड़ से उखड़े पेड़ों की बेकसी।
यह पुस्तक एक सफ़र है—बाहर की दुनिया से भीतर के आत्म-प्रकाश तक। हर
कविता एक एहसास है, जो जीवन के अनछुए पहलुओं को छूती है—मौसम की
बदलती फ़िज़ाओं से लेकर इंसानी जज़्बातों की नमी तक।
यहाँ शब्द केवल लिखे नहीं गए हैं, बल्कि महसूस किए गए हैं। क़लम ने हर
जज़्बात को काग़ज़ पर उकेरा है, कभी एक मुस्कान की तरह हल्की, तो कभी एक
गहरी सोच में डूबी हुई।
यह सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं, यह वो आईना है जिसमें आप अपने अनकहे
ख़्वाब और अनसुने एहसास देख सकते हैं।
पढ़िए, महसूस कीजिए, और अपने भीतर की आवाज़ को पहचानिए।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.नंदिनी जगवायन
नंदिनी जगवायन को हिंदी काव्य और साहित्य में गहरी रुचि है, जिसने उन्हें कविता
लेखन की ओर अग्रसर किया। उनकी कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को नए
दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती हैं और व्यक्तिगत अनुभवों की अनोखी झलक दिखाती हैं।
कोविड-19 के दौरान उन्होंने लेखन की शुरुआत की, और तब से उनके सृजन को
सांसारिक स्थानों और वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरणा मिलती रही है। उनके
लिए इस संग्रह की हर कविता मन का एक अनमोल अंश है।
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