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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"कल्पनाओं का मंथन", डॉ नीरजा सचदेव की हिंदी में पहली किताब हैं। ये उनकी 25 कविताओं का अनूठा संग्रह है जिसमें विभिन्न विषयों पर उन्होंने कविताएं लिखी हैं व्यक्ति की कल्पनाएं, विभिन्न दिशाओं में ले जाती हैं । यह काव्य संग्रह, विचारों की श्रृंखला को नए-नए आयाम प्रदान करती है और अलग-अलग भावनाओं को प्रदर्शित करती है। कुछ विषय बहुत संगीन है तथा कुछ हृदय को छू लेते हैं। यह कविताएं पढ़कर पाठक अपनी कल्पनाओं की उड़ान अवश्य भरेंगे और भाव विभोर हो जाएंगे । कविताओं द्वारा अपने उन्मुक्त विचारों को अभिव्यक्त करना इस संग्रह की विशेषता है।
इस कविता संग्रह की कई कविताओं का उन्होंने ऑनलाइन कार्यक्रमों में काव्य-पाठ किया हैं।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.नीरजा सचदेव
नीरजा सचदेव, बहुमुखी प्रतिभा की व्यक्ति हैं। वह अंग्रेजी विभाग, सदनलाल सावलदास खन्ना महाविद्यालय प्रयागराज की रिटायर्ड प्रोफेसर हैं । अपने विभाग की हेड रही हैं और १९८० से महाविद्यालय में कार्यरत थी । आपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सेमिनार और कॉन्फ्रेंस में शोध पत्र प्रस्तुत किया है।आप कॉमर्स डिपार्टमेंट की कोऑर्डिनेटोर थी और U G C की अध्यक्ष रही हैं। आपमें बहुमुखी प्रतिभा है। आप अंग्रेजी और हिंदी की कविता लिखने में रुचि रखती हैं।आपने राष्ट्रीय सम्मान का गौरव हासिल किया है। आप "प्रगतिशील साहित्यतिक एवम् सांस्कृतिक समाज" की एग्जीक्यूटिव कमिटी मेंबर हैं।
नीरजा जी ने रिटायरमेंट के बाद लिखने में रुचि ली और अंग्रेजी एवम् हिंदी की कविताएं लिखना शुरू किया । उन्होंने अनेकों कविताएं के साथ हिंदी और अंग्रेजी में कहानियाँ भी लिखीं। आजकल वह हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएं एवं कथाएं लिखती हैं
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