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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसहज सामाजिक विषयों पर आधारित श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव की “केंचुली” उनकी दस मनोहर व सरस कहानियों का एक उत्तम संकलन है, जिसमें जीवन के विविध रंग उकेरे गये हैं। कथाओं के पात्र हमारे अपने परिवेश में ही रचे बसे लगते हैं, अस्तु वे आपको अपने निकट न केवल महसूस होंगे वरन अपनी किसी निकटस्थ पगडंडी पर खड़े दिखाई भी दे जाएंगे। पुस्तक में प्रस्तुत कहानियाँ मनुष्य की सहज मनःस्थिति व स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। पुस्तक में शामिल कहानियों में आपको ड्रामा, छल, सस्पेन्स, इमोशन सब कुछ मिलेगा और वे देर तक आपके मन मस्तिष्क पर छाई रहेंगी, किन्तु इनसे दो चार तो आप कहानियों को पढ़कर ही हो पाएँगे।
ध्यातव्य है कि श्री श्रीवास्तव एक श्रेष्ठ कवि और साहित्यकार हैं, जिनकी कृतियाँ सदैव ही सराही जाती रही हैं।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.मनोज कुमार श्रीवास्तव
श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे उतरौला, जनपद- बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) में 30 अक्टूबर सन् 1973 को हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय श्री सीताराम श्रीवास्तव राज्य सरकार में कार्यरत थे, जबकि उनकी माता श्रीमती गीता देवी एक गृहणी है। एक बहन और चार भाइयों में सबसे बड़े श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव ने एम.ए. (राजनीति शास्त्र) तथा एम.बी.ए. (विपणन) तक की शिक्षा प्राप्त की तथा बैंकिंग को अपना रोजगार चुना। वर्तमान में वे देश के एक प्रतिष्ठित बैंक में उच्च प्रबंधन स्तर पर कार्यरत हैं। श्री श्रीवास्तव को बचपन से ही लेखन का शौक रहा और उनकी विभिन्न कहानियाँ, कवितायें और आलेख विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित भी होती रही। इसके अतिरिक्त उनकी कई रचनाएँ आकाशवाणी आगरा से भी प्रसारित की गई। इस बीच उन्होने अपनी कुछ काव्य रचनाएँ “कुमार कार्तिक”” के नाम से भी लिखी, जिन्हें काफी सराहना प्राप्त हुई।
वर्ष 2007 में श्री श्रीवास्तव की प्रथम पुस्तक “अवशेष” प्रकाशित हुई, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमियों पर आधारित 15 कहानियाँ शामिल थी। यह पुस्तक काफी सफल रही और सभी के द्वारा इसे सराहना प्राप्त हुई। इनकी दूसरी और तीसरी पुस्तक “कुछ अपनी कुछ जग की” तथा “स्वर वीथिका” काव्य संकलन थी जो कि वर्ष 2016 तथा 2022 में प्रकाशित हुई। प्रस्तुत कहानी संग्रह “केंचुली” श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव की चौथी पुस्तक है जिसमें विभिन्न सामाजिक विषयों पर आधारित उनकी 10 सुन्दर व मनोरम कहानियों को संकलित किया गया है।
श्री श्रीवास्तव सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं और उनसे उनके ब्लॉग, फेसबुक अथवा ट्विटर के माध्यम से संपर्क कर अपने सुझाव और प्रतिक्रियाएँ दी जा सकती हैं।
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