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Manavta Ji Uthe / मानवता जी उठे

Author Name: Satendra Babu Shukla "Pragya" | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

‘मानवता जी उठे’ मात्र एक काव्य-संग्रह नहीं, अपितु करुणा, सत्य और प्रेम की उन अनन्त ज्योतियों का अनुगान है, जिनसे मानवता की नूतन चेतना संजीवित होती है। कवि का मन यहाँ एक प्रवहमान गंगा-तरंग है जिसमें कभी विरह की वेदना, तो कभी ममता की मधुर लहर, तो कभी करुणा की करुण पुकार निनादित होती है। गीत, कविता, दोहा, सवैया, मुक्तक, हर छन्द, हर शिल्प, कवि के भाव का साकार रूप बनकर उपस्थित है। इस संकलन में भाषा या अलंकार साधन मात्र हैं; मूल स्वर तो हृदय की संवेदना है, जो पाठक के अंतर्मन को स्पन्दित कर मानवता की ज्योति जगाती है। 

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सतेन्द्र बाबू शुक्ल "प्राज्ञ"

कवि का परिचय 

नाम - सतेन्द्र बाबू शुक्ल ‘’प्राज्ञ’’

पिता - स्व०श्री मदन गोपाल शुक्ल 

माता - स्व० श्रीमती मालती देवी 

जन्म तिथि - 02-01-1954

शिक्षा - एम०एस-सी०(रसायन विज्ञान),एल०टी०

व्यवसाय - राजकीय सेवा से सेवा निवृत्त 

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