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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहम मन के उद्गारों को कविता द्वारा अभिव्यक्त करते हैंI कविता द्वारा विषय को समझना व कण्ठस्थ्य करना सरल होता हैI मेरी कविताओं का विषय बचपन में खेले जाने वाले खेल, देश व समाज में प्रतिदिन घटित हो रही घटनाओं पर आधारित हैंI यह पुस्तक लिखने का उद्देश्य पाठकों के ह्रदयपटल पर अपना स्थान अंकित करना हैI मैंने पहली बार कुछ लिखा है, इसलिए भरसक प्रयास किया है कि पाठक इन कविताओं को पढ़कर इनसे जुड़ाव महसूस कर सकें और मैं अपनी इस कोशिश मैं सफल हो सकूँI
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.आभा बंसल
श्रीमती आभा बंसल का जन्म दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार मे २७ अगस्त १९५७ को हुआI इन्हें बचपन से ही कविता पढ़ना और सुनना बहुत भाता थाI इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से संस्कृत मेँ एम. ए. और वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान से बी. एड. कियाI इन्होंने कई वर्षों तक स्कूल मेँ अध्यापन कार्य भी कियाI विद्यालय से २०१७ मेँ अवकाश प्राप्त करने के पश्चात् २०१८ मेँ लेखन कार्य आरम्भ कियाI यह कविता संग्रह २०१८ - २०१९ तक पूरा हुआI इन्होंने कविताओं के माध्यम से पाठकों के हृदय तक पहुँचने का भरसक प्रयास किया हैI इन्होंने पहली बार लेखन कार्य किया है और हर संभव कोशिश की है कि पाठक इस पुस्तक को रुचिपूर्वक पढ़ें और इसे अपना स्नेह देकर भविष्य मेँ लिखने के लिए प्रेरित करेंI
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