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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'ज़िंदगीनामा ' जिंदगी से संबंधित छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह है। 114 लघुकथाओं में ज़िन्दगी के विभिन्न रंगों को उकेरा गया है ।सभी लघुकथाएँ के पात्र और घटनायें आपको अपने आसपास के परिवेश के ही लगते हैं । इन लघुकथाओं के पात्र अपने जीवन में आने वाली आपदाओं में अवसर ढूंढ लेते हैं और अपनी समझ और साहस से नयी इबारतें लिखते हैं ।
'पुरस्कार ' कहानी का पात्र अपनी शारीरिक विकलांगता को अपनी कमजोरी नहीं समझता बल्कि उसे अपनी मजबूती बनाता है ।'सच्ची सुंदरता ' कहानी की नायिका समाज के गढ़े हुए मानकों को तोड़कर अपने लिए नए मानक खुद ही गढ़ती है । 'मास्टरशेफ ' में नायिका अपने भोजन के प्रति प्रेम को अपनी उपलब्धियों से सही साबित करती है ।
लघुकथाओं की महिला पात्र समाज की दकियानूसी परम्पराओं पर प्रश्न उठाती है और उनमें बदलाव लाने का प्रयास करती हैं । 'बिन दहेज़ ब्याह ' की पात्र लड़कियों की शिक्षा -दीक्षा के महत्व को समझाती है । ' आदर्श ग्राम पंचायत ' की सरपंच अपने आत्मविश्वास से सभी को चौंका देती है । 'घूंघट ' की पात्र स्त्री स्वतंत्रता के महत्व को समझाती है ।'गोल रोटी ' में शादी के अर्थ को समझाया गया है । 'मानसिकता ' और कूरियर गर्ल जैसी कहानियों में स्त्री -पुरुष को लेकर समाज में विद्यमान आरूढ़ धारणाओं पर व्यंग्य किया गया है ।
सफलता का सही अर्थ क्या है ;यह 'दूसरा स्थान','प्रतिस्पर्धा' आदि लघुकथाओं में दर्शाया गया है । जीवन में स्नेह और रिश्तों के महत्त्व को 'गलती' ,'पहली मुलाकात ','खोया हुआ प्यार वापस मिल गया ' आदि कहानियों में झलकाने की कोशिश की गयी है । कुल मिलाकर 'जिंदगीनामा ' की 114 लघुकथाएँ अपने आप में ज़िन्दगी के अनेक रंगों क समेटे हुए हैं । यह लघुकथाओं का एक इंद्रधनुष है ।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.प्रियंका
प्रियंका की यह दूसरी किताब है। इससे पूर्व प्रियंका का 27 प्रेम कहानियों का एक संग्रह प्रेमगली प्रकाशित हुआ है ;जिसे साहित्य जगत में सराहा जा रहा है। प्रियंका एक सिविल सेवक है ;लेखन जिनका शौक है। प्रियंका विभिन्न प्लेटफार्म पर युगला मणि के नाम से भी लिखती रही हैं।
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