लघुकथा को शार्ट स्टोरी यानी छोटी कहानी भी कहा जाता है। मगर लघुकथा व छोटी कहानी में पर्याप्त अंतर होता है। कहानी या छोटी कहानी में इसका समाधान दिया जाता है। वही लघुकथा में समाधान के संकेत इस तरह दिया जाता है कि वह हमारे ह्रदय में आधात करता हुआ भीतर तक उतर जाए।
कलेवर की दृष्टि से दोनों समान है। प्रभावोत्पादकता की दृष्टि से दोनों एक ही है। मगर मारक क्षमता में लघुकथा का कोई सानी नहीं होता है। यह दोहे की तरह मन पर आघात करती है।
इसे पढ़ने की बात पाठक सोचनीय अवस्था में बैठा रह जाता है। यह क्षमता कहानी में नहीं होती है। इस मायने में लघुकथा कहानी से अलग होती है।
इस हिसाब से इस संग्रह की लघुकथाएं पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिएगा।