अरविन्द यादव ने परिश्रमपूर्वक तथ्यों का संकलन और विश्लेषण किया है। शोध-प्रबंध विषय-वस्तु, भाषा-शैली और प्रस्तुतीकरण की दृष्टि से स्तरीय है। शोधार्थी ने शोध-प्रबंध में हिन्दी आलोचना के विकास-क्रम को विवेचित किया है। प्रत्येक युग – भारतेन्दु-युग, द्विवेदी-युग, छायावाद, प्रगतिवाद आदि में हिन्दी आलोचना की प्रवित्तियों को लक्षित करते हुए तुलनात्मक विवेचना भी की है। आलोचना की विभिन्न पद्धतियों का भी सम्यक् विश्लेषण किया गया है।
डॉ. हरिशंकर मिश्र
प्रोफेसर
हिन्दी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग
लखनऊ विश्वविद्यालय , लखनऊ, उत्तरप्रदेश
20 मई, 2010
आलोचना जैसे गंभीर विषय पर गंभीरतापूर्वक किया गया यह एक सार्थक शोध-कार्य है।
डॉ. माधव सोनटक्के
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिन्दी विभाग
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
5 मई, 2010
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