अश्रुत श्रव्य' कथेतर गद्य की विविध विधाओं में लिखी गई 31 रचनाओं का संकलन है। इनमें शोध पत्र, शोधपरक आलेख, तथ्यात्मक लेख, भ्रमण वृत्तांत, साक्षात्कार, पत्र, संवाद, भेंटवार्ता, साक्षात्कार, मीमांसा, पुस्तक समीक्षा, पुस्तक भूमिका, रिपोर्ताज, प्रस्तावना, सम्पादकीय, टिप्पणी, अनुवाद, भाषण व परिचर्चा आदि को स्थान मिला है। ये विधाएँ कल्पना, गल्प, और स्वप्न की बजाय यथार्थ के बीज से तथ्यों की ठोस भूमि पर विवेक की उर्वरा से भाषा की सम्पन्नता के पुष्पों से पल्लवित होती हैं। शोध पत्रों के अतिरिक्त भी सभी विधाएँ गहन अध्ययन, सूक्ष्म अन्वेषण और सम्पूर्ण गवेष्णा की माँग करती हैं। इन विधाओं में लेखन एक साहसिक और दुष्कर कार्य है। कथेतर विधाओं की कमी को पूरा करती हुई यह पुस्तक आपको दुबई, यू.ए.ई. (संयुक्त अरब अमीरात) के बहुत से तथ्यों से परिचित करा जाएगी। पुस्तक स्मृतिशेष चाचाश्री डॉ. देवेंद्र कुमार गुप्ता जी को समर्पित है। यूक्रेन के परमज्ञानी हिंदी पुरोधा आदरणीय डॉ. यूरी बोत्विन्किन जी ने पुस्तक की भूमिका लिखी है तो चीन में हिंदी प्राध्यापक व विद्वान डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी जी ने प्रस्तावना लिखी है। कथेतर रचनाओं का संकलन होने के कारण विषयवस्तु के चयन में बहुत सावधानी बरती गई है। ‘अश्रुत श्रव्य’ में संकलित करने के लिए ध्यानपूर्वक कथेतर गद्य की अनेक विधाओं की रचनाओं का चयन किया गया है। गद्याध्येताओं के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।