भूत – प्रेत और आत्माएँ कम प्रभावी या कम शक्तिशाली होते हैं। जबकि शैतान, दानव , हैवान या जिन्न बहुत अधिक शक्तिशाली होते हैं। सभी असामान्य चीजों में किसी भी वस्तु को इधर से उधर करने की असामान्य शक्ति होती हैं। आत्माएँ और भूत – प्रेत उन जगहों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं। जिन जगहों पर बहुत अधिक मृत्यु हुई हो। भूत चुम्बकीय तरंगो की ओर आकर्षित होते हैं। दुनिया के लगभग 80 % लोग भूतों को वास्तविक मानते हैं।
भूत – प्रेत जैसी सभी असामान्य चीजें इंसानों से ही ऊर्जा ग्रहण करते हैं। भूत – प्रेतों का आभास होना मानसिक विकार के कारण भी होता हैं।
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का मानना है कि भूत – प्रेत जैसी चीजें मनुष्य के दिमाग की उपज हैं। ये मनुष्य के दिमाग की त्रुटियों के कारण होता हैं। वैज्ञानिक इन्हें व्यक्तित्व विकार मानते है।
भूत-प्रेत का नाम सुनते ही मन में भय व दहशत व्याप्त हो जाती है। तार्किक लोग भूत-प्रेत के अस्तित्व को सिरे से नकारते हैं वहीं कुछ अन्धविश्वासी सामान्य मनोरोगों को भी भूत-प्रेत से जोड़कर देखते हैं। लेकिन क्या सचमुच भूत-प्रेत होते हैं इस प्रश्न का उत्तर शायद ही किसी को संतुष्ट कर पाता हो। इस पुस्तक द्वारा हम इसी रहस्य को समझने का प्रयास करेंगे।
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