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BICHIYA / बिछिया एक रुकी हुई माफ़ी

Author Name: Ajay Amitabh Suman | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

जहाँ तक संवेदनाओं का प्रश्न है , वो मानव में भी पाई जाती हैं और जानवरों में भी । फर्क सिर्फ इसी बात का है कि मानव अपनी विभिन्न संवेदनाओं का इस्तेमाल अपनी उन्नति के लिए कर सकता है तो पतन के लिए भी , जबकि पशु के पास ये क्षमता नहीं होती । मानवीय संवेदनाओं के विभिन्न आयामों को रेखांकित करती हुई विभिन्न लघु कथाएँ । 

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अजय अमिताभ सुमन

लेखक का परिचय : अजय अमिताभ सुमन , अधिवक्ता , लेखक और कवि। अंग्रेजी और हिंदी में सामान अधिकार। 15 से ज्यादा पुस्तकें अमेज़न पर उपलब्ध। दिल्ली हाई कोर्ट में पिछले दो दशकों से बौद्धिक संपदा विषयक क्षेत्र में वकालत जारी। अनगिनत कानून सम्बन्धी पत्रिकाओं जैसे कि पेटेंट एंड ट्रेड मार्क्स केसेस , लाव्यर्सक्लब इंडिया , लीगलसर्विसइंडिया , पाथ लीगल , लाइव लॉ , बार एंड बेंच , लीगल डिजायर , स्पाइसी आईपी , लेक्स एस्पायर जर्नल इत्यादि में कानून संबंधित लेख , खबर का प्रकाशन। कानून के अलावा साहित्य , दर्शन , विज्ञान , इतिहास, धर्म , विज्ञान इत्यादि में रूचि। अनेक पत्र, पत्रिकाओं, अख़बारों में कहानी , कविता , निबंध, लेख इत्यादि का प्रकाशन जैसे कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया , नव भारत टाइम्स, दैनिक जागरण , अमर उजाला , स्पीकिंग ट्री , आज, हिंदुस्तान, आर्यावर्त, यूथ की आवाज, साहित्य कुंज , प्रतिलिपि , साहित्य पीडिया ,रचनाकार , शब्द, समजोद्धार, नूतन पथ इत्यादि। 

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