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Bundo ki chhuan... / बुंदो की छुअन...

Author Name: Dhadak | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

"तुझे फिर वही सपना आया ना ?" श्वेता आंखे चमका कर खुशी से बोली ।
"कौन सा सपना...? कोई सपना नही आया...! " कहकर खुशी उससे आंखे चुराती हुई आगे चली गई ।
"अरे , वही जिसमे तेरा राजकुमार आता है जो तुझे बारिश मे ले जाता है और तु फाइनली बारिश की बुंदो को छु पाती है...." कहकर श्वेता फिर शरारत से मुस्कुरा दी ।
खुशी , दिखने मे साधारण सी लड़की है , पर असाधारण है , कुछ तो अजीब था उसके साथ , की जब भी वो बारीश की बूंदो को छुने की कोशिश करती बारीश ही थम जाया करती , बरखा से इश्क करने वाली खुशी को कभी उसमे भीगने का ही मौका नही मिला और इसी के चलते कई बार लोग उसे बदनसीब कह देते , और जो पढ़े लिखे समझदार है वो बारीश को ना छु पाने का कारण बस एक संयोग बताते , अब क्या सच था कोई नहीं जानता था , और ना ही खुद खुशी कुछ जानना चाहती थी बस आपनी किस्मत से हर बार यही सवाल करती "आखिर क्यों हुं मै ऐसी , और कोन है वो जो अक्सर मेरे सपने मे आकर मुझे इतनी खुशिया दे जाता है..? "
'बुंदो की छुअन' इस कहानी मे लेखिका (धड़क) ने बारीश को एक नए नजरिए से देखा है , इस कहानी मे पाठक को प्रेम(love) , रहस्य (thrillar) , कल्पना और का अद्भुत मेल पढ़ने को मिलेगा ।

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धड़क

धड़क... 'बुंदो की छुअन' की लेखिका जिनका जन्म भारत के ह्रदय ( मध्यप्रदेश ) के छिंदवाड़ा जिले मे हुआ । बचपन मे अक्सर अपनी मां से कहानियां सुनना बहुत पसंद था , और बड़े होते-होते ये रूची लेखन मे बदल गई । बातें करने से अक्सर परहेज करने वाली धड़क को अलग-अलग किरदार मे ढल कर खुद से ही बाते करने और उन्हें जीने की इस आदत ने उन्हे एक लेखिका बनाया है ।
'बुंदो की छुअन' उनकी पहली प्रकाशित पुस्तक है ।  

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