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Dard Ae Dil Pyaar Ka / दर्द ऐ दिल मोहब्बत का दिल टूट गया प्यार में

Author Name: Bharat Singh Bhoi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

हाथो की लकीरे देख कर ही रो देता है अब तो ये दिल, इसमें सब कुछ तो है पर एक तेरा नाम ही नही।

ख्वाहिश तो कभी ना थी किसी से ♥दिल♥ लगाने की
पर क्या करे किस्मत में दर्द लिखा हो तो मोहब्बत कैसे ना होती

चीख कर दर्द बताऊँ और मज़ाक में खुद बन जाऊं,
बेहतर है रो लूँ खुद ही और राख का ढेर बन जाऊं…!!!

वो अपने दर्द को रो-रो कर सुनाते रहे
हमारी तन्हाइयों से आँखें चुराते रहे
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला
क्योंकि हम हर दर्द को  मुस्कुरा कर छिपाते रहे

मोहब्बत तो आज भी बेशुमार करते हैं तुम्हे
बस तुम्हे पाने की इच्छा अब नहीं रही 

मोहब्बत छोड़ के हर एक जुर्म कर लेना
वरना तुम भी मुसाफिर बन जाओगे तन्हाई रातों के…

सवाल ज़हर का नहीं था…वो तो मैं तेरे खातिर पी गया
तक़लीफ़ लोगों को तब हुई जब मैं ज़हर पी के भी जी गया

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भारत सिंह भोई

मेरे तजुर्बे ने मुझे एक बात सिखाई है
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है

एक बार फिर मोहब्बत करेंगे हम,
अभी सिर्फ भरोसा उठा है…जनाज़ा नहीं साहिब …

लोग मिन्नतें ही करते रह गए कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।

हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर तुझ पर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा

 ना रोते हम यूं तेरे लिए अगर हमारी जिंदगी में तेरे सिवा और कोई दूजा ना होता

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