ये गद्य सत्य घटना से प्रेरित है | ये कहानी दीनदयाल उनकी पत्नी चंदा और उनके तीन पुत्र हीरा , धीर और बलबीर की है | 1980 के दौर में चित्रित इस कहानी में हर तरह की भावनाए समाहित है | जिससे मनुष्य अपने जीवनकाल में गुजरता है और समाज की उसपर क्या टीका-टिप्पणी होती है ये प्रदर्शित है | जीवन में तीन प्रकार ये युद्ध होते है पहला अंतर्मन का , दूसरा परिवार वे अपनों के साथ मनमुटाव और तीसरा देशों के मध्य में इनका संपूर्ण रूप से चित्रण किया गया है |
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