डॉ. आरती लोकेश लगभग दस वर्षों से साहित्य साधना में निरन्तर समर्पित हैं। दुबई यू.ए.ई की निवासी होने के कारण भारतीय संस्कृति और संस्कारों के साथ दुबई यू.ए.ई की संस्कृति और संस्कारों की झलक इनके साहित्य में स्पष्ट रूप से छलकती है। अपने लेखन कौशल के कारण वे हिन्दी भाषियों के साथ अहिन्दी भाषियों की सर्वाधिक प्रिय रचनाकार हैं। उनके समग्र साहित्य पर दो भारतीय और एक विदेशी विश्वविद्यालय में शोध कर्म किया जा रहा है। ‘डॉ. आरती लोकेश की साहित्य सुरभि’ पुस्तक के निर्माण का उद्देश्य हिंदी साहित्य अध्ययन करने वालों को सहायता प्रदान करना है। अपने नाम के अनुरूप यह पुस्तक अपनी सार्थकता को पूर्णरूपेण अभिव्यक्त करती है। जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों रूपी राग को इस सुरभि में उकेरा गया हैं। इसे असीम हिन्दी साहित्य का हिस्सा बनाने का प्रयास अनवरत रहा है। आज का पाठक उनकी समग्र कृतियों को पढ़ने का अरमान रखता है। ‘साहित्य सुरभि’ को प्रकाशन योजना पाठक के उसी अरमान को पूरा करने की ओर एक कदम है।
इस पुस्तक में उनके जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को भी रेखांकित किया गया है। उनके द्वारा रचित नौ पुस्तकों तथा तीन संपादिक पुस्तकों पर समीक्षाएँ व टिप्पणियों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है। यह पुस्तक उनके साहित्य को अध्ययन करने वालों को उनके रचना-उद्देश्यों की सूक्ष्म दृष्टि प्रदान करेगी। अध्ययन की सुविधा से एक पुस्तक पर लिखी गई सभी समीक्षाओं को एक साथ रखा गया है। साथ ही कुछ साक्षात्कार भी सम्मिलित किए गए हैं जो उनके शोधार्थियों को उन्हें बेहतर जानने में मदद करेंगे। देश तथा विदेशी प्रतिष्ठित साहित्यकारों के शुभाशीष के साथ यह पुस्तक बहुत उपयोगी बन पड़ी है।