बॉमब्लास्ट, हाईजैक, पार्ल्यामेंट अटैक, ताज अटैक, स्कूल मे ब्लास्ट ये सब पुरानी बातें थी।
टेररिज्म अब इससे कही आगे बढ़ चूका है, हर कन्ट्रीज में नए नए आर्गेनाईजेशन बन रहे थे।
अब ये आर्गेनाईजेशन एक देश या एक कोम के लिए नहीं था, ये एक फ्रीलांस बिज़नेस बनता जा रहा है, इसमें इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट प्रॉफिट एक्वीजीशन सब कुछ था।
हर देश से नए रेक्रुइट्स करने के नए तरीके उनके असाल्ट ट्रेनिंग के लिए कैम्प्स, एडवांस ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट्स, टार्गेसट एंड इन्सेंटिव्स सब होते है।
पूरा एक टेररिस्ट कॉर्परट था
ये एक मिलियन ट्रिलियन डॉलर्स का बिज़नेस था जिसमे हर कन्ट्रीज अपने अपने फायदे के लिए इनसे कांटेक्ट करते थे।
ये वो देश थे जो खुद तो विकसित थे पर खुद का वर्चस्व कायम रखने के लिए विकाशशील देशो को आतंकवाद जैसे मुदो में उलझा कर रखना चाहते थे।
इन आतंकवादी संघटन ने अपने पुराने तरीके से आगे बढ़कर इंटरनेट, नए एप्लीकेशन, वेबसाइट सबको अपना हथियार बना रहा था।