जादूगरों की दुनिया ने हमें हमेशा से अपनी तरफ खींचा है। वहीं भूतों के नाम से ही हमें डर लगता है। कहने को हम खुद को जितने भी बहादुर कहें मगर रात को पीपल के पेड़ के नीचे से अकेले निकलने में डर लगता है। इसी भूतों, तांत्रिकों और जादूगरों की दुनिया को इस किताब में समेटने की कोशिश की गई है।
एक बौना जादूगर जो अपनी जादू की दुनियां से बहुत खुश था। कुछ अनोखा ही था उसका जादू जहाँ खौफ का माहौल भी था और कुछ अनोखा, अद्भुत और सम्मोहन से भरा अंदाज़ भी। मगर उसका सफर कब उसे एक भूत बना देता है उसको पता ही नहीं लगता। आखिर इस दुनिया में यदि आप कुछ अच्छा करते हैं और खासकर तब जब आप दूसरों से बेहतर हों, तो जलन, द्वेष और बदले की भावना बन ही जाती है।
भारत देश में यदि होता है भूतों का ज़िक्र तो सबसे पहले आता हैं उन्हें भगाने वाले तांत्रिकों का ध्यान और यही हुआ बौने जादूगर के साथ, जब गाँव वालों ने बुलाया तांत्रिक बिजली वाले को....
करंट की यह विधि पुरानी,
मगर, कारगर, और भूतों पर भारी।
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मगर, कारगर, और भूतों पर भारी।
क्या तांत्रिक बिजली वाला कर पाएगा पागल जादूगर के भूत का सामना या रह जायेगा वो भी अचंभित, या फिर कहानी में और भी हैं उलझने। जानना है तो पढ़िए यह जादू और भूतों की कहानी “पागल जादूगर का भूत” मेरी ज़ुबानी।
मैं कौन? मैं आपका सूत्रधार....'निशब्द'
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