दोस्ती कोई शापित नहीं है ये दुआ है पर कुछ लोग हैं जो इसे धर्म जाति से जोड़ कर ऐसी हर एक खैरात को अपने ही में हैवनियात की पहचान दे रहे हैं ,और उस पहचान की बदौलत हमारी पूरी जिंदगी एक जहर बन गई है,और आज भी हमारे जहन में इरशिया बन कर सामने आती है।
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