अपने समाज में कई कारणों से समय समय पर हत्याएँ होती आ रही है | कुछ एक हत्याओं और हत्या से जुड़े अपराधों का कारण अनुसंधान करना संभव हो पाया है, अन्य कई हादसों और हत्याओं के कारणों का अनुसंधान संभव ही नहीं हो पाया है | अपने देश में अनसुलझे मामलों का परिमान दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है |
इन दिनों सिनेमा जगत में काम करने वाले एक युवा, सुशांत सिंह राजपूत, को भी कुछ असामाजिक तत्वों ने मौत के घाट उतार दिया | चारों तरफ उसकी ही चर्चा चल पड़ी है | यह तो एक बहस का ही मुद्दा बना हुआ है कि सुशांत मारा गया या खुद की मर गया ! उस घटना से जुड़े तथ्यों को इस प्रकार से पेश किया जा रहा है वो अपने आप में ही सवाल पैदा करने वाला बन रहा है | लोगों के मन में संदेह पैदा होना अनिवार्य ही है | किसने किसके साथ क्या करार किया और उसमें से क्या निष्कर्ष निकला यह भी एक चर्चा का विषय है |
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