“अंकुरित होते बीजों में सही खाद पानी देंगे तो वृक्ष बनकर निश्चित ही फल भी अच्छे ही मिलेंगे”। 5 से 16 वर्ष के बच्चों को ध्यान में रखकर एक नए अंदाज में लिखी गई पुस्तक है "संपूर्ण श्री राम कथा"। यह सचित्र पुस्तक बहुत ही सरल शब्दों में प्रभु श्री राम की महिमा का वर्णन करती है जिसे पढ़कर बच्चे आसानी से गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस के भाव को समझ सकते हैं।
हमारे आराध्य श्री राम की महिमा को बच्चे आसानी से पढ़ व समझ सकें और पीढ़ी दर पीढ़ी युगों युगों तक अनवरत यह क्रम जारी रहे यही लक्ष्य है।
संपूर्ण श्री राम कथा को छः भागों में बांटा गया है। 'जय रघुनंदन जय सिया राम' इस श्रृंखला का प्रथम भाग है। अन्य 5 भाग:
2. कण-कण में बसते श्री राम
3. अनादि अनंत अगोचर राम
4. मृदुल-मनोहर छबि अभिराम
5. ह्रदय बसें हनुमान
6. उद्धार करें श्री राम
"जय रघुनंदन जय सिया राम " की शुरुआत प्रभु श्री राम के जन्म से होती है। स्वयं नारायण देवताओं को धीरज बंधाते हुए पृथ्वी के भार को हरने जन्म लेते हैं और मुनि विश्वामित्र के साथ चलते हुए ताड़का, सुबाहु, मारीचि से मुक्ति दिलाते हैं। अंत में जनकपुरी में धनुषभंग कर श्री राम, सिया के हो जाते हैं एवं बारात सहित वापस अयोध्या आ जाते हैं।
तो पढ़िए मेरे साथ "जय रघुनंदन जय सिया राम " और एक बार जोर सो बोलिये जय श्री राम………