 
                        
                        कुछ बातें, कुछ कहानियां और कुछ यूं ही...
मेरे मन द्वारा लिखे गए इन शब्दों में उस दुनिया के अनुभवों का वर्णन है, जो जिसका नाम काल्पनिक दुनिया है परंतु वह यथार्थ से कहीं अधिक सत्य है। उन अनुभवों का हाथ थाम कर जब मेरा मन चलता है - समय की पगडंडी पर, तब ऐसे मेरे मन के क़दमों के निशां शब्दों के रूप में छूट जाते हैं। वही कुछ निशां प्रस्तुत हैं।