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KHWAABO KE PARINDE / ख्वाबों का परिंदा

Author Name: Mridula Arya | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ख्वाब - एक ऐसा एहसास है जिससे हर इंसान बहुत ही करीब से जुड़ा हुआ है और जो हर नामुमकिन को मुमकिन कर देता है।
   "ख्वाबों का परिंदा" कुछ ऐसे ही ख्वाबों का संकलन है जो कभी अधूरे रह जाते हैं तो कभी पूरे हो जाते हैं। कुछ ख्वाब पूरे हो हमारी हकीकत बन जीवन को साकार कर देते हैं तो कुछ ख्वाब बस ख्वाब बनकर रह जाते हैं। "ख्वाबों का परिंदा" कोशिश है आपको कुछ ऐसे ही अधूरे कुछ पूरे ख्वाबों से मिलाने का कुछ खूबसूरत पलों के रूप में।

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मृदुला आर्य

मृदुला आर्य झुमका सिटी और नाथ नगरी, बरेली (उत्तर प्रदेश) की एक युवा लेखिका हैं। इन्हें लिखना बेहद पसंद है और अपने जज्ब़ातों एवं अनुभवों को अल्फाजों में बयां करना इन्हें बखूबी आता है। इनकी कविताएँ मुख्य रूप से दोस्ती, प्रेम, जीवन के तथ्य और सफलता पर आधारित होती हैं। वे अपनी रचनाओं से कई लोगों को प्रेरित करती हैं। इन्होंने कई एंथोलॉजी में बतौर सह-लेखिका काम किया है। इनके मन में जो कुछ भी आता है, उन्हें अपनी कविताओं में उकेर देती हैं।

इसके अलावा अपने खाली वक्त में इन्हें चित्रकारी करना और हस्तशिल्प करना बेहद पसंद है। अपनी सुंदर रचनाओं से भविष्य में ये एक अच्छी लेखिका बनना चाहती हैं।  आप इनके विचार, कविताएँ और रचनाओं को "योरकोट" (https://www.yourquote.in/aryason-ccstp/quotes) पर पढ़ सकते हैं।

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