यह कहानी बिहार एवं झारखण्ड की पृष्ठ्भूमि पर आधारित है । वस्तुतः इस कहानी में राजनितिक महत्वाकांछा, धोखा एवं एक परिवार के भीतर का अंतर्द्वंद दिखाया गया है । कहानी में परिवार के मुखिया ठाकुर साहब बिहार छोड़ कर झारखण्ड में बस जाते है । ठाकुर साहब अपने पुरुषार्थ के बल पर बिज़नेस के साथ-साथ राजनीती में भी अपना बड़ा नाम बनाने में सफल होते है । इनके परिवार में इनके दो पुत्र , एक पुत्र वधु एवं एक विधवा बेटी की अहम् भूमिका है । परिवार के सदस्यो की आपस में नहीं बनती और वे लोग एक दूसरे से अंदर ही अंदर द्वेष रखते है । ठाकुर साहब के सभी बच्चे उनका स्थान लेना चाहते है । जब ठाकुर साहब सफलता के नए मुकाम छूते जा रहे थे तब एक लड़की की हत्या हो जाती है । उसकी हत्या का आरोप उनके पुत्र पर आता है । जिससे उनके जीवन की दशा एवं दिशा बदल जाती है । इसके पहले की ठाकुर साहब कुछ समझ पाते , एक महिला पत्रकार की हत्या हो जाती है जो उनके बेटे की करीबी मित्र होती है । चुंकि ठाकुर साहब राजनीती में है इसलिए मीडिया में इस बात को ले कर जोर शोर से चर्चा होने लगती है । यह बात पुरे शहर में आग की तरह फ़ैल जाती है और इस बात की चर्चा भी होती है कि उस महिला पत्रकार के साथ ठाकुर साहब के बेटे का अवैध सम्बन्ध था । दो-दो हत्याएं होने के बाद ठाकुर साहब की राजनितिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा दावं पर लग जाती है। मिडिया इस बात को लेकर बहुत ही हंगामा मचाती है। इसके बाद एक के बाद एक चार हत्याएं हो जाती है। इन् सब हत्याओं एवं ठाकुर साहब के परिवार के साथ क्या हुआ । जानने के लिए पढ़े कोयलांचल ( द मर्डर मिस्ट्री )