लता मंगेशकर के गीतों का कौन दीवाना नहीं है? हर व्यक्ति हर दिन लता जी के गीतों को ढूंढ ढूंढ कर सुनता है. उनके गीतों में जो मधुरता, सादगी, मिठास, शोखी, तरुणाई और स्वर गूढ़ता (स्वरों की गहराई और ऊँचाई) पायी जाती है वो अतुलनीय है. ‘लता के 51 गीतों की सरगम’ पुस्तक के पिछले संस्करण की अपार सफलता के बाद ये नया संस्करण प्रस्तुत है. जो अभी तक इस पुस्तक को नहीं खरीद पाए हैं वे अवश्य इसे खरीदकर आनंद पायेंगे. इसमें लय ताल के साथ स्वरलिपि प्रस्तुत की गयी है. गीत के साथ बजाई जाने वाली एक कोर्ड का उल्लेख भी किया गया है. संगीत की प्रारंभिक जानकारी रखने वाला व्यक्ति आसानी से इन गीतों को अपने वाद्य पर बजा सकता है और उनका आनंद ले सकता है.
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