यह पुस्तक एक पिता के बारे में है।
यह पुस्तक एक पुत्र के बारे में है।
यह पुस्तक पिता और पुत्र के बीच के संवादों
के बारे में है।
यह पुस्तक जीवन की सुंदरता और दिव्यता
अनुभव करने के बारे में है।
प्रोफेसर साहब ने कहा, "जीवन की खूबसूरती प्रायः
साधारण पलों में छिपी होती है - जिसे देखने के लिए
सिर्फ आँखें ही नहीं, हृदय से भी देखना सीखो।”