एक इंजीनियर से कवि और लेखक का सफर तय कर चुके नवीन जी के लिए कविताएँ मन की भावनाएँ व्यक्त करने का माध्यम है। नवीन जी मूलत: अपने आपको कवि मानते हैं, "परिचय विहीन" के बाद "मन बैरागी" उनका दूसरा काव्य संग्रह है।
नवीन के शब्दों में कविताएँ मन का दर्पण है। ऐसा दर्पण जिसमें अच्छे बुरे मन के सारे भाव, विचार दिख जाते हैं अपने शुद्धतम रूप मे , "मन बैरागी" मानवीय भावनाओं से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह है, हर कविता अपने आप मे अनूठी और भावना प्रधान है। कविता प्रेमियों के लिए जिन्हें भावपूर्ण कविताएँ पसंद है "मन बैरागी" गागर मे सागर भरने जैसा है।
पेशे से इंजीनियर, 1982 मे पैदा हुये नवीन कुमार मूलतः जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। इंजीनियरिंग मे स्नातक और प्रबंधन मे स्नातकोत्तर नवीन कुमार उदयमान लेखक और कवि हैं। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न, कलम के धनी, नवीन जी, मानवीय भावनाओं को अपने लेखनी के माध्यम से कागज पर उकेरने मे सिद्धहस्त हैं अपने पहले काव्य संग्रह "परिचय विहीन" और प्रकाशित किताब "प्रेम कहानी", "कर्मा", "मैं तुमसे प्यार करता हूँ" से पाठकों के दिलों मे जगह बना चुके नवीन जी की पाँचवी प्रकाशित किताब है "मन बैरागी "
एक इंजीनियर से कवि और लेखक का सफर तय कर चुके नवीन जी के लिए कविताएँ मन की भावनाएँ व्यक्त करने का माध्यम है। नवीन जी मूलत: अपने आपको कवि मानते हैं, "परिचय वीहीन" के बाद "मन बैरागी" उनका दूसरा काव्य संग्रह है।
नवीन के शब्दों में कविताएँ मन का दर्पण है। ऐसा दर्पण जिसमें अच्छे बुरे मन के सारे भाव, विचार दिख जाते हैं अपने शुद्धतम रूप मे , "मन बैरागी" मानवीय भावनाओं से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह है, हर कविता अपने आप मे अनूठी और भावना प्रधान है। कविता प्रेमियों के लिए जिन्हें भावपूर्ण कविताएँ पसंद है "मन बैरागी" गागर मे सागर भरने जैसा है।