Share this book with your friends

Manseerat / मनसीरत

Author Name: Sukhwinder Singh Manseerat | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

बिटिया  रानी  प्यारी - प्यारी,
लाड़ - लड़ाती  ह्रदय दुलारी।

बाल ना बांका हो ना कभी,
खेले   जीवन  लंबी   पारी,
सुंदरता  की  छटा - निराली।
बिटिया  रानी प्यारी - प्यारी।

प्रेम करते हैं मिलकर सभी,
रंग – बिरंगी   है हरी – भरी,
फूलों सी है खिलती न्यारी।
बिटिया  रानी प्यारी-प्यारी।

छोटी  सी  चंचल मतवाली,
मीठी - मीठी मधु सी प्याली,
देख जिसे थकान भी हारी।
बिटिया रानी  प्यारी - प्यारी।

आंगन सूना  खाली - खाली,
दुनिया लगती काली जाली,
हरपल है बिन उसके भारी।
बिटिया रानी  प्यारी - प्यारी।

छोटी  जैसे  नन्ही  चिड़िया,
रसभरी - रसीली सी पुड़िया,
परियो  सी  परछाई  धारी।
बिटिया रानी प्यारी - प्यारी।

माँ - बापू का  है यह सपना,
गर्म  हवा   आये न अंगना,
बैठ  पीठ  पर करे सवारी।
बिटिया रानी प्यारी - प्यारी।

मनसीरत ने है खूब मनाया,
मनसीरत जन्म दिन आया,
मिठाई खाएं  बारी -  बारी।
बिटिया रानी प्यारी - प्यारी।

बिटिया रानी प्यारी - प्यारी,
लाड़-लड़ाती ह्रदय दुलारी।

Read More...

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Also Available On

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

सुखविंद्र सिंह मनसीरत 

खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Read More...

Achievements

+2 more
View All