चूंकि भूतकाल से वर्तमान और वर्तमान से भविष्य काल की बुनियाद पड़ती है इसलिए अपने इतिहास को विस्मृत कर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। 'माटी का अभिनंदन' काव्यांजलि उन लोगों को भारतभूमि के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने का एक प्रयास है जो अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं को भूल बैठे हैं। प्रदीप पांथ द्वारा कृत यह काव्यांजलि निश्चय ही पाठकों में अपनी माटी के गौरव को जानने और समझने की जिज्ञासा उत्पन्न करेगी।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners