Share this book with your friends

Mere Tumhare Sabake Ram / मेरे तुम्हारे सबके राम

Author Name: Editor: Mandvi Barve | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

स्मृतिशेष मधुदीप गुप्ता जी को समर्पित ‘मेरे तुम्हारे सबके राम’ पुस्तक; जनमानस में बसे राम को, जनमानस के माध्यम से, जनमानस के सामने लाने का एक छोटा-सा प्रयास है। स्मृतिशेष मधुदीप गुप्ता जी जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन प्रभु राम को समर्पित कर दिए थे। यह पुस्तक उनकी इच्छा का ही मूर्त रूप है।

जब हमारी टीम ने मधुदीप जी की इच्छा को पुस्तक रूप में बदलने का विचार रखा तो हमारे फेसबुक परिवार के सदस्यों के साथ ही बाहर से भी कई लोगों ने सहर्ष हमें अपनी रचनाएं भेजीं जिनमें हाइकु, दोहे, कविताएं, लेख, लघुकथा आदि सम्मिलित हैं। प्रभु राम पर भक्तिभाव से भेजी गईं लगभग सभी रचनाओं को इस पुस्तक में सम्मिलित करते हुए हमें अत्यंत हर्ष हो रहा है।

इन सभी रचनाओं को विधा के अनुसार अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है। जबकि प्रथम खंड में स्मृतिशेष मधुदीप गुप्ता जी द्वारा ‘जय श्री राम’ शीर्षक के अंतर्गत लिखी गई पंक्तियां हैं जो आध्यात्म का मार्ग दिखाती हैं। 

‘राम’ मात्र नाम अथवा पूजा का माध्यम नहीं बल्कि राम तो सृष्टि का आरंभ है। राम तो कण-कण में बसे हैं। हमारे जीवन के आरंभ से लेकर अंत तक यही ‘राम’ प्राण बनकर हमारी सांसों में प्रवाहित हैं और हमारा प्रयास इन्हीं प्राणरूप राम पर आप सबके विचार समाहित करना था। हम इस प्रयास में कितने सफल रहे, इस पुस्तक को पढ़कर अवश्य बताएं।

रोम रोम में राम बसे

कण कण में हैं राम

आदि भी श्री राम हैं

अंत भी प्रभु राम

|| जय श्री राम ||

- अनघा जोगलेकर

Read More...

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Also Available On

संपादक: माण्डवी बर्वे

सम्पादक व सहयोगी

सम्पादक:

माण्डवी बर्वे

सहयोग:

चंद्रेश कुमार छतलानी

अनघा जोगलेकर

दिव्या राकेश शर्मा

पूजा अग्निहोत्री

Read More...

Achievements

+3 more
View All

Similar Books See More