सुना है कि, हम जन्म लेते हैं और फिर मर जाते हैं। ये सिलसिला चलता रहता है। मुझे हमेशा से जन्म और मृत्यु का रहस्य अपनी ओर आकर्षित करता था। मैंने पास्ट लाइफ रिग्रेशन के बारे में सुना था, सोचा इसको करके देखना चाहिए। रिग्रेशन करते वक्त ऐसा लगा कि मुझे किसी ने मिडुआ नाम से पुकारा। बस तब से ही मिडुआ का जन्म हुआ और लगा कि मिडुआ को कई जन्मों से अपनी तलाश है। लिखने का सिलसिला भी तभी से शुरू हुआ और मेरी लेखनी को किताब तक लाने में औरों का साथ मिलता गया।