यह पुस्तक बच्चों के लिए काफी मनोरंजक और ज्ञानवर्धक साबित होगा. इस पुस्तक में कुछ कहानियां पुरानी है, मगर वो भी बिल्कुल नये अंदाज में लिखा गया है. सबसे अच्छी बात यह है कि इस पुस्तक में सभी कहानियां छोटी-छोटी है. क्योंकि बच्चों को मोटी बातें समझ में नहीं आती है. रोचक कहानियों वाली पुस्तक पढ़ने से बच्चों में ज्ञान और व्यवहारकुशलता का इजाफा होता है. इस पुस्तक के जरिये हमारी यही कोशिश रहेगी, कि जो भी बच्चे इस पुस्तक के जरिये साफ-सुथरा ज्ञान अर्जित कर पाये. पाठकों से अनुरोध है कि आप इस पुस्तक को पढ़े और हमारी मेहनत को सार्थक करें. इसके अलावा अगर आपको इस पुस्तक में कोई भी कमी नजर आता है, तो आप हमसे बेझिझक संपर्क करें - mritunjaypoddar.004@gmail.com
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Nav Gyan / नव:ज्ञान
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मृत्युंजय पोद्दार
मैं मृत्युंजय पोद्दार, झारखंड का रहने वाला हूँ. मैं शारीरिक तौर पर अक्षम हूँ यानी कि मैं एक विकलांग हूँ और मेरी विकलांगता 75% है. मेरा मानना है कि विकलांगता कोई त्राप नहीं है, बल्कि विकलांगता तो भगवान का दिया एक वरदान है. जानते है क्यों ? क्योंकि एक विकलांग सोच सकता है. सबसे ज्यादा और सबसे तेज . मेरी पढ़ाई अधूरी ही रह गई. क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और मैं इस पुस्तक के जरिये यह नहीं कह रहा कि आप मुझे पैसा देकर मेरी मदद करें, मैं बस यह कहना चाहता हूँ कि कृप्या आप मेरे पुस्तक को खरीदे. एक जलती हुई दीपक अपने जैसे और दीपक को भी प्रजव्लित करता है और मैं भी अपने जिंदगी में कुछ बनकर अपने जैसे विकलांगों के लिए कुछ करना चाहता हूँ. इसलिये मैं सभी प्रिय पाठकों से अनुरोध करता हूँ कि आप सभी सभी मेरे पुस्तक को पढ़ें और इसे अपने दोस्तों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें. मेरी कोशिश छोटी-सी है और मैं सभी पाठकों से निवेदन करना चाहता हूँ, मेरी छोटी-सी कोशिश को आपका महत्वपूर्ण सहयोग चाहिए. धन्यवाद●