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NIDHI AUR NILESH KI ALAG DUNIYA / निधि और नीलेश की अलग दुनिया

Author Name: Nilesh Kumar Agarwal | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

रात का सन्नाटा था। सड़कों पर इक्का-दुक्का गाड़ियाँ गुज़र रही थीं, पर उसके मन में सन्नाटे की गूँज ज़्यादा तेज़ थी। एक वक़्त था जब उसकी ज़िंदगी में एक हलचल हुआ करती थी, खुशियों की, उम्मीदों की, प्यार की। पर अब, वही हलचल यादों की गूँज बनकर उसे रोज़ सताती थी।

नीलेश, एक नाम, जो दुनिया के लिए शायद एक आम इंसान था, पर अपनी ही दुनिया में वो एक अधूरी कहानी बन गया था। उसके पास शब्द थे, कहानियाँ थीं, पर उसकी अपनी कहानी का सुखद अंत अब कहीं खो गया था।

वह बालकनी में खड़ा चाँद को निहार रहा था। उसे याद आया, निधि को चाँद बहुत पसंद था। जब भी वो आसमान में चमकता था, उसकी आँखें भी उसी तरह चमक उठती थीं। पर अब नीलेश की आँखों में बस इंतज़ार बचा था, एक ऐसा इंतज़ार जिसका कोई अंत नहीं था।

उसने कभी सोचा भी नहीं था कि बचपन की मासूमियत से शुरू हुआ वो रिश्ता एक दिन उसकी सबसे बड़ी परीक्षा बन जाएगा। उसने गलतियाँ कीं, अपना प्यार खोया, लेकिन क्या वो फिर से सब कुछ ठीक कर पाएगा? या कहानी उस मोड़ पर पहुँच गई थी जहाँ से वापस लौटना नामुमकिन था? क्या नीलेश की कहानी में कोई मोड़ आएगा, या ये बस एक अधूरी कहानी बनकर रह जाएगी?

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नीलेश कुमार अग्रवाल

कभी किसी ने कहा था — “सच्चा प्यार हमेशा साथ देता है।”
लेकिन मेरी ज़िन्दगी में, मैंने अपने ही हाथों से उसे खो दिया…

निधि, बचपन का पहला दोस्त, जवानी का पहला प्यार, और ज़िन्दगी का सबसे कीमती तोहफ़ा।
पर मेरी गलतियों, मेरी नादानियों और मेरी समझ की कमी ने हमें अलग कर दिया।
आज वो किसी और की है… और मैं यहाँ, सिर्फ उसकी यादों में ज़िन्दा हूँ।

ये किताब "निधि और निलेश की अलग दुनिया" मैंने सिर्फ अपना दिल हल्का करने के लिए नहीं लिखी, बल्कि इसलिए लिखी है…
ताकि फिर कोई निलेश, किसी निधि से जुदा न हो।
ताकि प्यार में अहम, गलतफहमियाँ और चुप्पी, किसी का घर ना उजाड़ें।

मैं आप सबसे हाथ जोड़कर विनती करता हूँ —
इस कहानी को पढ़ें, महसूस करें, और जितना हो सके लोगों तक पहुँचाएँ।
क्योंकि शायद आपके किसी दोस्त, किसी भाई-बहन, या किसी अनजान इंसान की ज़िन्दगी बदल जाए।

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