महान सेनानियों – नारायण राव पवार, कोंडा लक्ष्मण बापूजी, कोदाटि नारायण राव, कंदि श्रीनिवास राव, पंडित कालीचरण, वंदेमातरम श्रीनिवास राव और विमला बाई मेलकोटे ने अरविन्द यादव से बातचीत के दौरान हैदराबाद मुक्ति आंदोलन के दौरान अपने आंदोलनकारी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों की यादें ताज़ा की हैं। निज़ाम के हाथों शोषण, रज़ाकारों की यातनाओं के बारे में भी बताया है। ये सातों सेनानी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनकी शौर्य-गाथा इतिहास की कुछ क़िताबों में दर्ज है। अरविन्द ने इस पुस्तक के माध्यम से एक बार फिर इतिहास को पन्नों को खोला और देश के कुछ महान सपूतों से मौजूदा पीढ़ी का साक्षात्कार करवाया है।
सात महान सेनानियों से अरविन्द यादव के साक्षात्कार सीमाबद्ध हैं और इनके ज़रिये अरविन्द यादव ने अपने पत्रकार दायित्व और सामाजिक दायित्व को बहुत ही अच्छे तरीक़े से निभाया है। इतिहास की दृष्टि से भी इन साक्षात्कारों का काफ़ी महत्व है।
निखिलेश्वर
प्रसिद्ध लेखक, कवि
बहुभाषाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता
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