पचास कविताओं का एक छोटा सा संकलन है ये। कविताओं में सभी तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं। जो अपने मन में है या इससे जुड़ा हुआ है, उसे शब्द देने का एक प्रयास है। संकलन को और बड़ा भी रखा जा सकता था लेकिन उचित यही लगा की छोटा ही रखना ठीक होगा, कविता मुझे एक ऐसी विधा प्रतीत होती है जिसकी संख्या बढ़ाने का कोई बहुत लाभ नहीं है। यही बात मेरे विचार में हर पृथक कविता पर भी लागू होती है जो लिखा हो वो कम हो पर जो उसके द्वारा कहा गया हो वो ज़्यादा हो यही कविता का मंत्र है।
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