राजाओं और राज्यों के बारे में पर्याप्त इतिहास लिखा गया है, लेकिन इस पुस्तक के माध्यम से हमें समकालीन विस्मृत व अल्प ज्ञात शासकों उनके मंत्रियों के पराक्रम और परम्परा की अनकही ऐतिहासिक गाथाओं की जानकारी प्राप्त होती है।
"यह एक रोमांचकारी एतिहासिक पुस्तक है। इसमें ऐसे व्यक्तियों के इतिहास की दिलचस्प कहानियां शामिल हैं, जिनके पूर्वजों ने मध्यकाल के दौरान राजपूताना में विभिन्न शासकों और अमात्यों के रूप में उच्च पदों पर कार्य किया था। वे अक्सर इन कहानियों के मुख्य किरदार थे। विरासत और संस्कृति के परिचितों को यह पुस्तक न केवल कथात्मक और प्रेरक बल्कि सरल लेखन शैली के कारण भी आकर्षक लगनी चाहिए।"
उदय सिंह महूरकर ,
चीफ इन्फार्मेशन कमिश्नर, भारत सरकार (पूर्व)
"क्या राजपुताना का इतिहास शौर्य और बलिदान की दास्तानों से भरा है? क्या इसके राजे-रजवाड़ों में सत्ता और पदों के लिए षड्यंत्र और खूनी संघर्ष के किस्से भी आम रहे हैं? इसी परंपरा में रंगी-पगी बच्छावत वंश की कहानी भी है। इस वंश की वर्तमान पीढ़ी के एक चश्मो चिराग़ कमांडर प्रताप सिंह मेहता ने अथक परिश्रम और खोज के बाद यह पुस्तक लिखी है। इसमें राजपुताना के सैकड़ों साल के इतिहास, इसके शासकों और मंत्रियों से जुड़ी कही-अनकही बातों का संकलन किया गया है। पुस्तक को पढ़ना अतीत के रोमांचकारी लम्हों को जीवंत करने जैसा है।"
डॉ. देवेन्द्र राज मेहता, पद्मभूषण
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