“प्रेरणा पुंज भानुकुमार शास्त्री” भानुकुमार शास्त्री जी के जीवन का एक प्रेरणादायक चित्रण है — सत्य, सरलता और निरंतर सेवा को समर्पित एक महान व्यक्तित्व का सजीव वर्णन है । उनका जीवन संघर्ष, साधना और अडिग नैतिकता की अनुपम गाथा गा रहा है। संस्कृत के विद्वान, भारतीय संस्कृति के संवाहक और सच्चे कर्मयोगी भानुजी ने बिना किसी मान-सम्मान या प्रतिफल की आकांक्षा किए अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र और समाज को समर्पित कर दिया।
यह पुस्तक चौबीस अध्यायों में व्यवस्थित एवं भावपूर्ण तरीके से लिखी गई है | इस पुस्तक में भानुजी के बहुआयामी व्यक्तित्व की अंतरंग झलक मिलती है। उनके आदर्श, उनका दर्शन और निःस्वार्थ सेवा में उनकी अटल आस्था, उनकी कृति दर्शाती है | महान व्यक्तित्व में विनम्रता निवास करती है | सच्चा नेतृत्व, पद या प्रतिष्ठा में नहीं, बल्कि मौन कर्म में निहित रहता है।
अंतरसम श्रद्धा और आत्मीय भावनाओं के साथ, लिखी गई यह रचना केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि दूसरों के लिए जीने वाले एक तेजस्वी आत्मा को समर्पित हृदयस्पर्शी श्रद्धांजलि है। “प्रेरणा पुंज भानुकुमार शास्त्री” नैतिक बल और सांस्कृतिक गौरव का प्रकाशस्तंभ है - "एक शाश्वत स्मरण कि पवित्रता, समर्पण और सत्य ही जीवन के सर्वश्रेष्ठ पथ को, परिभाषित करते हैं।"