"प्रकृति की गुनगुनाहट", कवयित्री डॉ. सोनिया द्वारा रचित प्रथम मनका संग्रह है जो मनका जनक आदरणीय सुरेश पाल वर्मा 'जसाला' द्वारा रचित नव विधा 'मनका' पर आधारित है | इस संग्रह में 500 मनकों का संकलन है, जिनका मुख्य स्वर 'प्रकृति' है | इस संग्रह में कवयित्री ने बड़े सरल, सरस और भावपूर्ण शब्दालंकरण के साथ प्रकृति के विभिन्न आयामों का सुंदर और मधुरिम चित्रण किया है | आशा है कि कवयित्री का यह प्रयास सराहनीय रहेगा और इन मनकों को पढ़कर, पुस्तक "प्रकृति की गुनगुनाहट" अपने शीर्षकीय नाम के अनुसार ही प्रबुद्ध पाठकों के मन में भी मधुरिम गुनगुनाहट व आनंद का बोध कराएगी।
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