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Pure Hindi Writing / शुद्ध हिंदी-लेखन हिंदीप्रेमियों के लिए उपयोगी

Author Name: Virendra Kumar Dewangan | Format: Paperback | Genre : Self-Help | Other Details

पुस्तक-विवरण
 ‘शुद्ध हिंदी-लेखन;’ हिंदीभाषी लेखकों, कवियों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, हिंदीप्रेमियों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए एक ऐसी चुनौती है, जिसका सामना उन्हें पग-पग पर करना पड़ता है। 
हिंदी-भाषियों के लिए हिंदी चूंकि उनकी निजभाषा है; इसलिए उसको सीखना उतना जरूरी नहीं समझा जाता, जितना दीगर भाषा को सीखने के लिए जहमत उठाया जाता है। फलतः, हिंदी-भाषियों की लेखनी में भाषा-संबंधी त्रुटियां दिखाई देती हैं। 
प्रस्तुत पुस्तक हिंदीप्रेमियों सहित शब्दकर्मियों की लेखनी को शुद्ध करने में उपयोगी हो सकती है। बशर्ते, किताब को आत्मसात कर अपने लेखन में उतारने का काम सिद्दत से किया जाए।
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वीरेन्द्र देवांगन

लेखक-परिचय
 लेखक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। उनकी तीन दर्जन से अधिक किताबें अमेजन किंडल, ब्लूरोज पब्लिकेशन एवं नोशन प्रेस में छपी हैं, जिनमें लघुकथाएं, व्यंग्य-रचनाएं, बालकथाएं, उपन्यास, जीवनियां और प्रबंध-निबंध प्रमुख हैं। 
उनके द्वारा रचित कृतियां विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। वे प्रतियोगिता पत्रिकाओं के लिए भी लिखते हैं।
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