सयाद हर रास्ते फरोघ तक जाने वाले हकीकत में अपने नहीं होते और जो होते हैं हम उन तक कभी जा ही नहीं पाते
सपने मैंने भी देखे थे पर कभी सोचा ही नहीं की उनके टूटे जाने पर मेरा क्या होगा,
क्या मैं खुद को संभल दूंगा उनके जाने के बाद की कहीं में भी उनकी तरह ही टूट जाऊंगा......आप उनकी किताब को नोटियन प्रेस, अबे बुक्स, इम्युजिक इन, फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, किंडल, इंस्टेंट रीड लाइक ईबुक, किंडल, गूगल, इंटरनेशनल साइट्स और कई अन्य से भी खरीद सकते हैं।