आज कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में हाहाकार कर रखा है. इस महामारी से महाशक्तियाँ भी नहीं बची है. इस महामारी ने मानव को बता दिया है कि प्रकृति के साथ जब-जब अत्याचार हुआ है उसने अपने कारिंदे को भेज अपना बदला ले लिया है. आज का मानव स्वार्थी और घिनौनी प्रकृति का हो गया है. वह अपने आप को भगवान समझने लगा है जो ईश्वर का आदर करते भी हैं. ये भी घुन की तरह उनके कर्मो का फल भोग रहे है.
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