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Ratri Se Bhor Tak / रात्रि से भोर तक आत्मकथा

Author Name: usha sharma"priya" | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

यह पुस्तक एक ऐसी महिला की कहानी है जिन्हें दो बार कैंसर हुआ लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी। ये हमेशा आगे बढ़ती रहीं। घर समाज के सभी कार्यों को करते हुए अपने जीवम को सही आयाम दिया। आज ये सफल महिला के रूप में समाज में एक स्थान पा चुकी हैं। अत: यह पुस्तक सभी को प्रेरणा देती है की हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। परिस्थितियाँ कैसी भी हों हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए। 

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उषा शर्मा"प्रिया"

पुस्तक की लेखिका एक अध्यापिका होने के साथ एक समाजसेविका भी हैं। इनके अब तक 7 उपन्यास भारत से हिन्दी में, दो अंग्रेज़ी में, 2 कहानी संग्रह, 7 बाल कहानी संग्रह, 2 काव्य संग्रह और 2 अंग्रेज़ी में यू॰एस॰ए॰ से प्रकाशित हो चुके है। यह आकाशवाणी से नियमित रूप से कहानी कविता प्रसारित करती रहती हैं। गरीब महिलाओं के उत्थान हेतु यह सदैव प्रयासरत रहती हैं।   

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