देवी मठ—एक ऐसा गाँव जिसे दुनिया ने कभी स्वर्ग कहा, पर समय ने उसे नरक की गोद में फेंक दिया। जहाँ औरतें देवी की तरह पूजी जाती थीं, और पुरुष उनके निर्णयों को धर्म मानकर स्वीकार करते थे। पर हर स्वर्ग की जड़ में एक पाप छिपा होता है—और यह पाप इतना प्राचीन था कि देवताओं की स्मृति भी उससे काँप उठी थी।
जब वर्णिका, गाँव के भूले हुए अंधकार की उत्तराधिकारी, अपनी कब्र जैसी निद्रा से जागती है, तब पूरे गाँव की आत्माएँ साँस लेना भूल जाती हैं। और उसी रात आर्या—एक साधारण लगने वाली लड़की—अपनी वह शक्ति महसूस करती है जो उसके जन्म से पहले ही देवताओं ने उसकी रगों में भर दी थी।
सीतला, देवी मठ की अंतिम रानी, अपनी बहन समान आर्या के साथ उस श्राप का सामना करती है जो पीढ़ियों से उनके रक्त का पीछा कर रहा था। पर जैसे-जैसे सच्चाइयाँ खुलती हैं, दोनों को समझ आता है—
कि उनका संघर्ष सिर्फ जीवित रहने का नहीं, बल्कि खुद को पहचानने का है।
और कभी-कभी पहचान… मौत से अधिक भयानक होती है।
खूनी इतिहास, दानवी विरासत, और टूटे हुए प्रेम की यह महागाथा आपको उस दुनिया में ले जाएगी जहाँ पूजा भी हथियार है, और देवी भी अपना भाग्य नहीं बदल सकतीं।
Rebut and Rancour एक ऐसी कहानी है जहाँ सत्य, मृत्यु, और भाग्य तीन दिशाओं से मिलकर एक ऐसा अँधेरा रचते हैं जो आखिरी पन्ना पलटने के बाद भी आपकी आत्मा में गूँजता रहेगा।
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