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Sangharsh.....Jindigi Ki.....!!!!! / संघर्ष.....जिंदगी की...!!!!

Author Name: Nidhi Gupta "ziddy" | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

इस किताब में तीन कहानी है, "गुनाहों का प्रतिशोध", "जरूरत" और "नन्हा मासूम भाग-2"  "गुनाहों का प्रतिशोध"  कहानी है रक्षिता , अनिकेत और विपिन की। विपिन, रक्षिता और अनिकेत से उन गुनाहों का प्रतिशोध लेता है जो उन दोनों ने कभी किया ही नहीं था और रक्षिता ने विपिन से उसी प्रतिशोध का अपना प्रतिशोध लेती है। रक्षिता के पिता ने उस पर भरोसा नहीं किया जिसका दुःखद ख़ामियाज़ा उनसे जुड़े हुए सभी लोगों को भुगतना पड़ता है। "जरूरत" कहानी है रिद्धिमा विनीत और रीमा की जो अन्त में रोमा से हो कर गुजरती है। एक नाजायज जरूरत के कारण उन सब की जिंदगी इधर-उधर हो जाती है और अन्त में रिद्धिमा और विनीत मौत को गले लगा लेते हैं। जो सुकून, जो शांति थी पहले उनके जीवन में वो केवल एक गैर जरूरत को पूरा करने में खत्म हो जाता है। "नन्हा मासूम" यह कहानी भाग दो है। कहानी का पहला भाग मेरे दुसरे किताब ( उसकी गलती मेरा गुनाह  ) में है। यह एक ऐसे छोटे आठ वर्षिय बच्चे की कहानी है जिसके माँ-बाप उसे बेच देते हैं और फिर वह दर-दर भटकता है। उसे हीरो बनने का बड़ा ख्वाब होता है इसलिए वह मुम्बई पहुँचना चाहता है, वह मुम्बई पहुँच तो जाता है पर अनजाने में। बहुत कठिनाइयों को पार करने के बाद, बहुत कुछ सहने के बाद वह होरो तो नहीं पर हाँ वह एक चर्चित चहेरा जरूर बन जाता है। उसके हार ना मानने वाला जज्बा हमे प्रेरणा देता है जिन्दगी को उसी रंग में जीने का जिसमें हम जी रहें हैं।
उम्मीद है की इस किताब को आप सभी अपना प्यार और वक्त जरूर देगें।
धन्यवाद!

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निधि गुप्ता "जिद्दी"

मैं निधि गुप्ता हूँ,मेरा पेन नेम "जिद्दी" है,नहीं मैं मनमानी नही करती बस अपने काम के प्रति जिद्दी हूँ,अपनी मंजिल अपनी महात्वाक्षाओं को पाने के लिए जिद्दी हूँ..... जब तक तुम मुझे जानोगे समझोगे तब तक मैं तुम्हारी इस आभासी दुनिया को अलविदा कह दूगीं..... मेरी तेज मेरी वेग को आजमाने की तुम बेकार कोशिश मत करो, क्योंकि है मुझमें इतना तेज की तुम्हें तो क्या मैं स्वमं को भी भस्म कर सकती हूँ....निधि वहाँ नहीं रहती जहाँ हदें नापी जाती है क्योंकि मैं हद में नहीं हक में रहतीं हूँ......मेरी हदों को तुम मत गिनों क्योंकि निधि की हद्द बेहद हैं...... जिद्दी....!!!

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