Share this book with your friends

Satyashala / सत्यशाला १६१ सरलतम, गहनतम और उच्चतम सत्य

Author Name: Mohd Anwar Jamal Faiz | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

सत्यशाला (Satyashala (The House of Truth): 161 Easiest, deepest and upmost truths) मूलतः जीवन दर्शन है। अनवर जमाल की यह हिंदी काव्य-रचना सत्य, यथार्थ, शुचिता का चिन्तन और उनकी खोज का पर्याय है। मनुष्य का आचरण स्वैच्छिक, पारिवारिक, शारीरिक, धार्मिक, सामाजिक और विधिक बंधनों में होता है। हम जो भी करते हैं वो विभिन्न बंधनों की माप पर सही अथवा ग़लत तो हो सकता है, किन्तु वास्तव में हम कुछ भी सत्य के विरुद्ध नहीं करते। सत्यशाला ब्रह्मांड के सतत् सत्य की माला है। एक बिंदु से अभ्युदय और प्रतिदिन, प्रतिछण होता विस्तार और जीवन में ईश का हस्तक्षेप। हमारे कर्म और आचार की दिशा, हमारा सामाजिक और आध्यात्मिक अस्तित्व।

१६१ छंदों में रूपांकित सत्यशाला १२८८ पंक्तियों की एक ही कविता है। सत्यशाला सभी जीव, प्रकृति, आत्मा और परमेश्वर के अंर्तनिहित स्वभाव का सुशोभन है। वह जो निरपेक्ष है, जिसका ना कोई जनिता है और ना ही जन्य, और ना कोई उसका समकक्ष। सत्यशाला आत्म-बोध, केवल-ज्ञान, उस परम ईश का साक्षात्कार और उससे हमारे संबंध का सरलतम, गहनतम एवं उच्चतम सत्य है।

Read More...

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Also Available On

मो. अनवर जमाल फ़ैज़

अनवर जमाल एक युवा और सामाजिक रूप से सक्रिय लेखक एवं कवि हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद इन्होने आई आई एम कोज़िकोडे से एडवांस्ड प्रॉजेक्ट मॅनेज्मेंट और कोपेनहेगेन बिज़नेस स्कूल से संगठन नेतृत्व की पढ़ाई की। टाटा, एडोब सिस्टम्स, सिमानटेक, एक्सपिडिया जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम करने के दौरान अनवर जमाल कविता एवं रचनाओं की दुनिया से पल भर भी दूर ना रह सके।

लखनऊ के स्कूली जीवन में दर्जनों पुरस्कार प्राप्त कर के यूनिवर्सिटी जीवन में इंडिया-लेवेल वाद-विवाद एवं लेखन प्रतियोगिताओं में नाम रौशन किया। पुरस्कारों एवं लेखन का यह शौक नौकरी के दौरान भी निरंतर चलता रहा। उनकी अंग्रेजी में दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

अनवर एक लेखक, शायर और कवि होने के नाते स्वाभाविक रूप से प्रकृति और मनुजता से बेहद नज़दीक हैं। उर्दू अदब मे 'बरबर' ग़ाज़ीपुरी के नाम से उभरते इस शायर में मानवता एवं समानतावादी सिद्धांतों के लिए एक अंतर्निहित प्यार है।

Read More...

Achievements

+3 more
View All